राष्ट्रीय समाचार:
- केंद्र सरकार शुरू करने जा रही ‘सहकार टैक्सी’: केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने ‘सहकार’ नामक एक नए ऐप-आधारित टैक्सी सेवा की घोषणा की है, जो सहकारी समितियों के माध्यम से संचालित होगी।
केंद्र सरकार ने ‘सहकार टैक्सी’ सेवा शुरू करने की योजना बनाई है, जिसका उद्देश्य ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में परिवहन सेवाओं को मजबूत करना और सहकारी समितियों के माध्यम से रोजगार के नए अवसर सृजित करना है। यह योजना पारंपरिक टैक्सी सेवाओं से अलग होगी क्योंकि इसे सहकारी मॉडल के तहत संचालित किया जाएगा, जिससे टैक्सी ड्राइवरों को लाभांश और अन्य वित्तीय सहायता मिल सकेगी।
‘सहकार टैक्सी’ का उद्देश्य
इस योजना का मुख्य उद्देश्य सहकारी समितियों को सशक्त बनाना और टैक्सी चालकों को एक स्थायी रोजगार प्रदान करना है। इसके तहत, ड्राइवर सहकारी समितियों के सदस्य बनेंगे और उन्हें सरकार से आर्थिक सहायता, कम ब्याज दरों पर वाहन ऋण, और अन्य सुविधाएं मिलेंगी।
‘सहकार टैक्सी’ की प्रमुख विशेषताएं
- सहकारी मॉडल पर आधारित:
यह टैक्सी सेवा पूरी तरह से सहकारी समितियों के माध्यम से संचालित होगी। ड्राइवरों को नियोक्ता के बजाय भागीदार बनाया जाएगा, जिससे वे व्यवसाय में हिस्सेदारी प्राप्त कर सकेंगे। - सरकारी सहायता:
केंद्र सरकार टैक्सी चालकों को सब्सिडी, ब्याज मुक्त ऋण, और बीमा कवर जैसी सुविधाएं प्रदान करेगी, ताकि वे आसानी से अपना व्यवसाय शुरू कर सकें। - स्थानीय रोजगार को बढ़ावा:
यह योजना विशेष रूप से उन क्षेत्रों में लागू की जाएगी जहां रोजगार के अवसर सीमित हैं। सहकार टैक्सी ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में रोजगार के नए रास्ते खोलेगी। - पर्यावरण अनुकूल टैक्सी:
इस योजना के तहत सरकार इलेक्ट्रिक टैक्सी को प्राथमिकता देगी ताकि प्रदूषण को कम किया जा सके और स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा मिले। - डिजिटल प्लेटफॉर्म:
सहकार टैक्सी के लिए एक विशेष ऐप लॉन्च किया जाएगा, जहां यात्री आसानी से टैक्सी बुक कर सकेंगे और ड्राइवरों को पारदर्शी भुगतान मिलेगा।
‘सहकार टैक्सी’ के लाभ
- टैक्सी चालकों को लाभांश मिलेगा, जिससे उनकी आय में वृद्धि होगी।
- सहकारी मॉडल होने के कारण यह सेवा अधिक पारदर्शी और भरोसेमंद होगी।
- इससे स्थानीय परिवहन व्यवस्था मजबूत होगी और ग्रामीण क्षेत्रों में कनेक्टिविटी बढ़ेगी।
‘सहकार टैक्सी’ योजना एक क्रांतिकारी कदम साबित हो सकती है, जो न केवल परिवहन क्षेत्र में सुधार करेगी बल्कि सहकारी समितियों के माध्यम से ड्राइवरों को आत्मनिर्भर भी बनाएगी। इससे टैक्सी उद्योग में एक नया बदलाव आएगा, जहां लाभ केवल कंपनियों को नहीं बल्कि ड्राइवरों को भी मिलेगा।